विशेष पूजा अर्चना व ध्वजारोहण
udaipur. लाखों लोगों की अनन्य श्रद्घा के केन्द्र बेणेश्वर धाम पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला वनवासियों का महाकुंभ बेणेश्वर महामेला डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा जिलों के मध्य माही तथा सोमजाखम नदियों के पवित्र जलसंगम तीर्थ क्षेत्र पर शुक्रवार को परंपरागत अनुष्ठानों के साथ शुरू हुआ। मेले की पुरातन परम्परा के अनुसार अलौकिक संत मावजी महाराज की परम्परा के नवें महंत गोस्वामी अच्युतानन्द महाराज ने शुक्रवार को शुभ मूहूर्त में बेणेश्वर धाम के राधाकृष्ण देवालय परिसर में विशेष पूजा अर्चना व ध्वजारोहण कर महामेले का श्रीगणेश किया।
महंत अच्युतानंद महाराज ने भगवान निष्कलंक, संत मावजी सहित परवर्ति अष्ठ पीठाधीश्वरों का स्मरण कर सप्तरंगी ध्वज का पूजन किया। पूजन के साथ ध्वज पर आम्र पल्लव व मंजरी चढ़ाकर ध्वज की आरती उतारी व ध्वजा का मुख्य मंदिर के सामने आरोहण किया। ध्वजारोहण के बाद प्रसाद रूप में बताशे और नया गुड़ भक्तजनों को वितरित किया गया। इस दौरान श्रद्घालुओं ने महंत अच्युतानंद के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इधर, मेले का प्रशासनिक रूप से भी औपचारिक आगाज किया गया। आसपुर विधायक राईया मीणा व जिला कलक्टर श्रीमती पूनम ने श्रीफल वधेर कर मेले का श्रीगणेश किया। बेणेश्वर धाम पर मेले के शुभारंभ के बाद से ही भक्त-मेलार्थियों का तांता लग गया। आज पहले ही दिन हजारों लोगों ने संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई और देव-दर्शनादि किए। मेले में बाजार सजने लगे हैं और मेलार्थियों के आगमन का क्रम शुरू हो चुका है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रहेगी धूम : बेणेश्वरधाम मेले में आने वाले श्रृद्घालुओं के मनोरंजन के लिए जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला 5 फरवरी से प्रारंभ होगी। जिला कलक्टर श्रीमती पूनम ने बताया कि मेले में नियंत्रण कक्ष के ठीक सामने स्थित मुक्ताकाशी रंगमंच पर देश-प्रदेश के कलाकारों द्वारा रात्रि में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इस बार प्रशासन द्वारा पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के माध्यम से जनजाति लोक कलाकारों के पांच दलों के साथ ही गुजरात के गरबा गायक हेमंत चौहान व अहमदाबाद के मंथरा गु्रप को आमंत्रित किया गया है जिनके द्वारा तीन सांस्कृतिक निशाओं में मनोहारी प्रस्तुतियां देते हुए मेलार्थियों का मनोरंजन किया जाएगा। इसी प्रकार सात फरवरी को माघ पूर्णिमा के अवसर पर उस्मान-इकराम शोरगर एवं दल द्वारा भव्य आतिशबाजी की जाएगी।
मुख्य मेला 7 फरवरी को : जनजातियों के महाकुम्भ के नाम से जाने जाने वाले इस मेले में वागड़ अंचल के कोने-कोने से उमड़े श्रद्घालुओं सहित राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से कई लाख मेलार्थी इसमें हिस्सा लेंगे। मुख्य मेला माघ पूर्णिमा 7 फरवरी को भरेगा। इसमें पांच से सात लाख मेलार्थी भाग लेंगे। मेलार्थी अपने मृत परिजनों की मुक्ति की कामना से बेणेश्वर के पवित्र जल संगम तीर्थ में स्नान एवं अस्थि विसर्जन, श्राद्घ, मुण्डन, तर्पण, सामूहिक भोज आदि की रस्में पूरी कर देव-दर्शनादि, खरीदारी एवं लोकानुरंजन संसाधनों का लुत्फ लेकर श्रद्घा, उल्लास और मेल-मिलाप की संस्कृति को अभिव्यक्त करते हैं।