udaipur. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक मात्स्यकी महाविद्यालय में संचलित मत्स्य विकास परियोजना के अंतर्गत डूंगरपुर के मछुआरों का सात दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ।
मात्स्यकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता ड़ा. विमल शर्मा ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा प्रायोजित इस मत्स्य विकास परियोजना का मूल उद्देश्य उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर व प्रतापगढ के मछुआरों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों के द्वारा उनके कौशल मे विकास कर उनके तालाबों मे मत्स्य उत्पादन को बढाना है।
प्रशिक्षण संयोजक ड़ा. सुबोध शर्मा ने बताया कि ६ से १२ सितम्बर को डंूगरपुर की गा्रम पंचायत महुडी, पं.स. बिछीवाडा के राजीव गांधी सेवा केंद्र मे राजससंघ की समेकित मत्स्य विकास परियोजना से सम्बद्ध मछुआरों का सात दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार को सम्पन्न हुआ । प्रशिक्षण के दौरान मत्स्यपालकों को मछली पालन के वैज्ञानिक तरीके बताये गये जिससे वे अपने मत्स्य उत्पादन में सुधार कर अपने सामाजिक — आर्थिक उत्थान के पथ पर अग्रसर हो सकें।
इस प्रशिक्षण के दौरान मत्स्यपालकों को मात्स्यकी महाविद्यालय के ड़ा. सुबोध शर्मा सहित ड़ा. भास्कर देवराडी, श्री देवी सिंह पंवार, श्री वरुण मिश्रा, ग्राम सरपंच श्री मांगी लील रोत एवं श्री सोहन लाल रोत ने मछली पालन के विविध आयामों व सरकारी योजनाओं से अवगत कराया। इस प्रशिक्षण मे आसपास के ६० मत्स्य उत्पादकों ने भाग लिया।