सुंदरसिंह भंडारी ट्रस्ट द्वारा प्रतिभा सम्मान समारोह एवं व्याख्यानमाला
उदयपुर। राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति के. एन. नाग ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति की आवश्यकता है जो देश की आने वाली पीढ़ी को सुदृद्ध करने में आवश्यक है। उन्होंने जॉन लेवी की शिक्षा की परिभाषा को परिभाषित करते हुए कहा कि शिक्षा वह प्रक्रिया है जिससे हम किसी चीज को समझने योग्य बनें।
वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 89वें जन्म दिवस पर स्व. सुन्दरसिंह भण्डारी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह एवं मूल्य आधारित शिक्षा पद्धति विषयक व्याख्यानमाला को मुख्यि वक्ताो के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में 65 बच्ंोचं का सम्माषन किया गया। कार्यक्रम की अध्य क्षता ट्रस्टि अध्यकक्ष गुलाबचंद कटारिया ने की। मुख्यो अतिथि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के पूर्व निदेशक एच. वी. पालीवाल थे। इस अवसर पर विभिन्न राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत प्रतिभावान छात्र-छात्राओं जिन्होने सैकण्डरी एवं सीनियर सैकण्डरी में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये उन्हें आर्थिक सहायता स्वरूप छात्रवृत्ति एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया।
डॉ. नाग ने कहा कि मूल्य आधारित शिक्षा से विद्यार्थियों को प्रेरणा मिले उसके लिये कुछ गुणों की आवश्यकता होती है जिनके बिना यह संभव नहीं है। चरित्र निर्माण करना, अनुशासन तथा सुनागरिक बनाना। उनका कहना था कि विद्यार्थी को उसकी क्षमता के आधार पर उसे आगे बढ़ाया जाये उसकी क्षमताओं को विकसित करने के लिये उसको मौका दिया जाये। आज शिक्षा व्यवसाय बन गयी है। विज्ञान के छात्र का सम्बंधित विषय में एडमिशन होना मुश्किल होता है दूसरी और इंजीनियरिंग में उसी विद्यार्थी का एडमिशन हो जाता है। इस व्यवस्था में बदलाव लाना होगा।
हिन्दुस्तान जिंक के पूर्व निदेशक एच. वी. पालीवाल ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में जो कमजोरियां हैं, उन्हें हटानी होगी। आठवीं तक अनिवार्य रूप से पास करने की प्रणाली छात्रों के भविष्य के लिये घातक है, इसे हटाना होगा। यदि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ानी है तो दूसरों से लेने वाला ज्ञान पूर्ण रूप से लेना होगा। दूसरों की ली हुई आधी अधूरी कल्पना किसी का भविष्य नहीं बना सकती।
ट्रस्ट अध्यक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि स्व. सुन्दरसिंह भण्डारी ने अपने जीवन में जो समाज से अर्जित किया था वो समाज को समर्पित कर दिया। अपने जैसे सैकड़ों हजारों संस्कारित कार्यकर्ताओं को देशभर में तैयार करने का अदभुत कार्य किया। अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में उन्होंने कहा कि इस व्यक्ति ने डॉ. मुखर्जी के साथ राजनीति में प्रवेश किया एक मामूली अध्यापक का लड़का अपनी कुशाग्र बुद्धि एवं विचारधारा से प्रेरित हो देश का प्रधानमंत्री बना। प्रतिभावान ऐसे बच्चों को प्रतिवर्ष आर्थिक सहायता के रूप में 2100/- एवं 1100/- का चेक देकर सम्मानित करते हैं।
समारोह में ट्रस्टी शांतिलाल चपलोत, गोपाल कुमावत, दिनेश भट्ट, मनोहर कालरा, सुन्दरलाल भाणावत, कर्नल महेश गांधी, विरेन्द्र बापना, हीरालाल कटारिया ने प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का उपकरणा, चैक एवं सम्मान पत्र से अभिनन्दन किया। अन्त में निगम सभागार के बाहर विशाल कमल की रंगोली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दीर्घायु स्वस्थ व यशस्वी जीवन की कामना को लेकर 89 दीप प्रज्जवल्लित किये गये। सभी कार्यकर्ताओं ने पार्टी की विचारधारा एवं संगठन को मजबूत बनाने आने वाले 2014 में देश में सुराज स्थापित करने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लिया।