उदयपुर। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एचआर कुड़ी ने कहा कि आयोग को सर्वाधिक शिकायत पुलिस के रवैये की मिलती है। लोगों को राहत में देरी के लिए लोकसेवक भी जिम्मेदार हैं। जनसुनवाई के लिए उदयपुर आए कुडी ने यह बात कही।
कुड़ी का कहना था कि हर विभाग को चाहिए कि वह अपने कार्यालयों में अलग सेल गठित कर प्राप्त होने वाले मानव अधिकारों से संबंधित प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई करें, साथ ही मॉनीटङ्क्षरग रखे तभी इसका लाभ जनसामान्य को मिल सकेगा। आयोग को सर्वाधिक पुलिस के रवैये की मिलती है। इसके लिए वे जहंा भी जाते हैं पुलिस अधीक्षकों को यही निर्देश देते हैँ कि वह खुद परिवादियों के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी रखें। उन्होंने लोगों को राहत मिलने में देरी के लिए लोकसेवकों को भी जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना था कि लोकसेवक के पास आम आदमी जल्दी पहुंचता है लेकिन ज्यादातर लोकसेवक उनकी समस्या को टाल देते हैं। लोकसेवक अपने क्षेत्र के लोगों की ध्यान रखे तो उसकी समस्या का समाधान भी जल्द निकलेगा। उनका कहना था कि मानवाधिकारों की रक्षा एवं सुशासन के लिए आवश्यक है कि लोक सेवक संवेदनशील होकर काम करें। वे आने वाले परिवादियों की समस्याओं को गंभीरतापूर्वक सुनकर उन्हें राहत प्रदान करें।
कुड़ी का कहना था कि लोगों को शुद्घ पानी, पौष्टिक भोजन मिले एवं खाद्य पदार्थो में मिलावट की रोकथाम हो, इस पर ज्यादा कार्रवाई की जानी चाहिए। प्लास्टिक केरीबेग, रात्रि 10 बजे बाद होने वाले शोर-शराबे की रोकथाम, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम, वाटिकाओं के आसपास होने वाली गंदगी की रोकथाम, सेवानिवृत राज्य कर्मचारियों को समय पर पेंशन भुगतान आदि मामलों में वो रिजल्ट नहीं आ पा रहे जो आने चाहिए। यह साबित करते हैं कि विभाग व अधिकारी पूरी तरह गंभीरता से काम नहीं कर रहे।