संभाग स्तरीय बैठक
उदयपुर। पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गुलाबचन्द कटारिया ने निर्देश देते हुए कहा कि सरकार की सभी योजनाओं का सीधा लाभ जनता को दिया जाये। राज्य सरकार के पास उपलब्ध लगभग 15 हजार करोड़ की राशि का सदुपयोग हो एवं प्रदेश की गरीब जनता को हरसंभव लाभ दिया जाये।
वे गुरुवार को जिला परिषद में आयोजित पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी मानवीय संवेदना रखते हुए सरकार द्वारा आवंटित राशि का अधिकतम उपयोग कर प्रदेश की कायापलट कर सकते हैं। जल-संसाधन विभाग के पास अगले वित्तीय वर्ष तक लगभग एक हजार करोड़ की राशि उपलब्ध है। इस राशि का अधिकतम उपयोग जनता के लाभार्थ किया जाना चाहिए। बारिश के पानी को रोकने के हरसंभव उपाय किए जाने चाहिए ताकि जनता को लाभ मिल सके व जनता भी पानी का महत्व समझ सके। इस कार्य हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत में पानी के टांके बनवाकर पानी को इकट्ठा किया जाये।
उन्होंने कहा कि हर स्कूल के मैदान के साथ टांके बनाये जाये ताकि विद्यार्थी उसके महत्व को समझते हुए अपने परिसर के अन्दर पेड़ पौधों आदि को भी उससे हरा-भरा रख सके। उन्होंने कहा कि एनिकट भी वहीं बनाएं जाये जहां से ग्रामीण जनता को लाभ मिल सके। उन्होंने ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में जनसुनवाई के समय शिकायतकर्ता का पूरा नाम, पता अवश्य मालूम हो ताकि शिकायत झूठी निकलने पर उसके खिलाफ कार्यवाही की जा सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमत पाण्डेय ने सभी विकास अधिकारियों को सरकार के दौरे से पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि प्रत्येक शुक्रवार को होने वाले पंचायत दिवस कार्यक्रमों में जनता को अधिक से अधिक जोडा़ जाए। उन्होंने कहा कि सभी विकास अधिकारी प्रत्येक ग्राम पंचायत का दौरा जन-सुनवाई कार्यक्रम से दो दिन पूर्व करें एवं आवश्यक रिपोर्ट तकनीकी खामियां व अकाउंट आदि समय पर ठीक कर लें। अपूर्ण कार्य कितने साल से चल रहे हैं व लम्बित प्रकरणों की पूर्ण जानकारी ले कर रिपोर्ट तैयार करें व सरकार के दौरे से पूर्व यह जानकारी उपलब्ध कराए। शासन सचिव (ग्रामीण विकास) राजीव सिंह ठाकुर, मनरेगा आयुक्त डॉ. समित शर्मा, जलग्रहण विकास निदेशक मदन सिंह काला, उदयपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद के अलावा डूंगरपुर, चित्त्तौड़गढ़, बांसवाडा़, प्रतापगढ़ व राजसमंद के सभी मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विकास अधिकारी उपस्थित थे।