विद्यापीठ रिसर्च बोर्ड की बैठक में लिए महत्वपूर्ण निर्णय
उदयपुर। अब जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वडविद्यालय में षोध के लिए विषेश फण्ड योजना बनेगी। इस योजना से छात्रों एवं शोधार्थियों को भी लाभ मिलेगा। यह बात बुधवार कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने रिसर्च बोर्ड की बैठक में अध्यक्षता करते हुए कही।
पीजी डीन प्रो. पीके पंजाबी ने बताया कि 1 जून 2014 से 12 फरवरी, 2015 तक विद्यापीठ के विभिन्न विषयों में पीएचडी उपाधि प्रदान किये जाने सम्बन्धीज शोधार्थियों की उत्तर स्वीकृति मिल गई है। विद्यापीठ के शोध निदेशक के अधीन अधिकतम पंजीकृत शोधार्थियों की संख्या पर विचार किया गया जिसमें आचार्य के पास अधिकतम 10 सहआचार्य के पास 8 व सहायक आचार्य के पास 3 शोधार्थियों की संख्या होगी।
पीएचडी कोर्स वर्क : शोधार्थियों का कोर्स वर्क 26 मई से 30 जून तक आयोजित किया जायेगा। साथ ही पहली बार हो रहे होम्योपेथिक में शोध कार्य हेतु 10 दिवसीय पीएचडी कोर्स वर्क 26 मई से प्रारंभ होगा। कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने बताया कि सेमीनार में भाग लेने वाले अकादमिक कार्यकर्ताओं केा रजिस्ट्रेशन शुल्क व यात्रा भत्ता अधिकतम 10 हजार रू. तथा भारत से बाहर सेमीनार में भाग लेने वाले को अधिकतम एक लाख रू. देय होगा। सत्र 2015-16 से पीएचडी परीक्षा जून में होगी। धन्यवाद रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने दिया।
शोध गंगा सोफ्टवेयर : विद्यापीठ में भी अब पीएचडी सोफ्टवेयर शोध गंगा को जुलाई माह से लागू किया जायेगा। जिससे कॉपी पेस्ट से बचा जा सकेगा। शोध जनरल स्पंदन का प्रकाशन करने का भी निर्णय लिया गया साथ ही नये शोध निदेशक भी बनाए गए। शोधार्थियों का द्वारा जलपान एवं लंच करवाने पर भी सभी सदस्यों ने रोक लगाने को कहा जिसे सभी सदस्यों ने अपनी सहमति दी। रिसर्च बोर्ड की बैठक में रजिस्ट्रार डॉ. सीपी अग्रवाल, प्रो. सुमन पामेचा, प्रो. एसके मिश्रा, प्रो. एनएस राव, डॉ. मंजू मांडोत, प्रो. अनिता शुक्ला, डॉ. शशि चितौड़ा, डॉ. जीवनसिंह खरकवाल, डॉ. सरोज गर्ग, डॉ. मनीश श्रीमाली, डॉ. राजन सूद, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. शैलेन्द्र मेहता मौजूद थे।