उदयपुर। सोसायटी फॉर माइक्रोवाइटा रिसर्च एंड इंटीग्रेटेड मेडिसिन, उदयपुर की सचिव डॉ. वर्तिका जैन को लखनऊ की सोसाइटी ऑफ़ इथनोबोटनिस्ट द्वारा फ़ेलोशिप देकर सम्मानित किया गया है।
यह सम्मान उन्हें दस वर्षों में वनस्पति विज्ञान के अंतर्गत महत्त्वपूर्ण विषय “लोक-वानस्पतिक विज्ञान” में किये गए अनुसन्धान के लिए दिया गया है। उन्होंने लोक-वानस्पतिक विज्ञान के विविध आयामों के साथ ही पौधों के लोक-औषधीय गुणों के मानकीकरण विषय पर भी शोध कार्य किया है। डॉ. वर्तिका ने सेमल वृक्ष जैसी लोक-वानस्पतिक पादप प्रजाति के सरंक्षण और औषधीय गुणों के संवर्धन में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है साथ ही सेमल वृक्ष की उपादेयता पर विश्व की प्रथम पुस्तक लिखी है जिसे स्प्रिंगर, जर्मनी जैसे प्रसिद्द पब्लिशर ने प्रकाशित किया है. वर्ष 2010 में यंग साइंटिस्ट अवार्ड से सम्मानित डॉ. वर्तिका के 45 से अधिक शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्टीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं. इसके साथ ही वनस्पति विज्ञान के विविध विषयों से सम्बंधित 40 आलेख देश की नामी पत्रिकाओं में छपे हैं और 20 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्टीय सम्मेलनों में पत्र वाचन किया है. उन्होंने अपना शोध मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्रोफ. और विख्यात इथनोबोटनिस्ट डॉ. एस. एस. कटेवा के निर्देशन में पूर्ण किया था. वर्तमान में डॉ. वर्तिका, राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग में व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं।