उदयपुर। एनआईसीसी, एश्वर्या काॅलेज एवं वजूद फाउण्डेशन द्वारा आज एश्वर्या काॅलेज परिसर में मेटा हेल्थ पर एक स्वास्थ्यवर्धक निःशुल्क कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें मास्टर ट्रेनर अनु मेहता ने सारगर्भित जानकारी दी। रोटरेक्ट क्लब आॅफ एश्वर्या,इन्टरेक्ट क्लब के 400 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
अनु मेहता ने बताया कि वह मानव शरीर और दिमाग से होने वाली समस्याओं के लिए स्वास्थ्य समाधान प्रदान करने के लिए विभिन्न भावनाओं को रिलीज करने वाली तकनीकों में लोगों को प्रशिक्षित करती है, जो दो दिन के बच्चे से ले कर 90 वर्ष तक के लिये होती है। कार्यशाला का उद्देश्य उदयपुर में मेटा-हेल्थ के प्रति जागरूक करना है।
एनआईसीसी की डाॅ. स्वीटी छाबड़ा ने कहा कि कि ई.एफ.टी. ‘इमोशनल फ्रीडम टेक्निक’ यानि भावनाओं से आजादी की तकनीक है जो प्रत्येक व्यक्ति के मनोविज्ञान पर आधारित है। जिसे अधिकांश लोग अपनी दिनचर्या में अपना रहे हैं लेकिन, कई लोग अभी इससे वाकिफ नहीं हैं और इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। वस्तुतः ई. एफ. टी. को मनोविज्ञान एक्यूप्रेशर के नाम से भी जाना जाता है जिसमे कुछ बिन्दुओं पर ऊँगली के दबाव से उर्जा का संचार किया जाता है।
उन्होेंने कहा कि मनुष्य के शरीर में 14 रास्तांे से उर्जा का संचार होता है और जिन्हें उर्जा शिरोबिंदु के नाम से जाना जाता है। अगर इनमे से 1 या 1 से अधिक बिंदु बिगड़ जाता है तो क्रोध, नकारात्मकता, शर्म और ग्लानि जैसे भाव पनपने लगते हैं।टैपिंग द्वारा शरीर से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाला जाता है।
इस अवसर पर वजूद संस्थान की डा. ऋतु वैष्णव, एश्वर्या काॅलेज की सीमा सिंह, रश्मि बोहरा, नेहा पालीवाल, ललिता पुरोहित, महक सोनी, विपुल मोहन, कंचन, रक्षा शर्मा, तमन्ना सुहालका सहित अनेक महिलायें मौजूद थी।