एक हजार में से एक या दो ही मरीजों में होती है इस तरह की समस्या
उदयपुर। भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल काँलेज एंड हाँस्पिटल के न्यूरोलाँजी विभाग के चिकित्सको नें 55 बर्षीय मरीज के मस्तिष्क की धमनियों के गुब्बारे का एंजियोग्राफी द्वारा सफल इलाज कर नया जीवन दिया।
दरअसल 55 वर्षीय मरीज तेज सिर दर्द, उल्टी की समस्या से ग्रस्त व बेहोशी की हालत में पीएमसीएच लेकर आए। रोगी की प्रारम्भिक जाँच में वरिष्ठ मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुलाभ वाजपेयी की टीम ने सीटी स्कैन कराया। जाॅच में रोगी के मस्तिष्क में ब्रेन हेमरेज पाया गया। रोगी के मस्तिष्क में होने वाले हेमरेज का कारण जानने हेतु रोगी की मस्तिष्क एंजियोग्राफी की गई जिसमें रोगी के मस्तिष्क के विभिन हिस्सों में मस्तिष्क की रक्त धमनियों में पाँच एन्यूरिज्म यानि मस्तिष्क की धमनी के गुब्बारे पाये गए। जो कि रोगी को भविष्य में पुनः लकवे का कारण बन सकते थे। रोगी को भविष्य में होने वाले लकवे से बचाने व वर्तमान में हुए लकवे के असर को कम करने हेतु सभी गुब्बारों को बिना ओपन ब्रेन सर्जरी करे इन्टरवेंशनल तकनीक के द्वारा एन्यूरिज्म कोइलिंग कर के बंद कर दिया गया जिससे रोगी को भविष्य में पुनः वर्तमान के मस्तिष्क रक्त धमनी के गुब्बारों को फटने से बचाया जा सकें।
डॉ. अतुलाभ वाजपेयी ने जैसा बताया कि इस तरह के रोगी 1000 में से एक -दो ही पाये जाते है जिनमें एक साथ 5 छोटे बड़े गुब्बारे मस्तिष्क की रक्त धमनियों में पाए जाये। ऐसे में कोइलिंग ही उपयुक्त उपचार का माध्यम होता है जिससे रोगी को कम रक्त बहे जल्द रिकवरी के साथ ठीक किया जा सके। डॉ. वाजपेयी ने बताया कि अबतक उन्होंने अपने कार्यकाल में अनेकों अनयूरीसम कोइलिंग के केस करे परन्तु इस तरह के केसेज बहुत ही कम देखने को मिलते है। कोइलिंग कराने के बाद रोगी वर्तमान में ठीक है एवं रोगी अपना दैनिक क्रियाकलाप नियमित रूप से कर पा रहा है।