प्रौढ़ों व युवाओं की शिक्षा व विकास के सूत्रघार थे अनिल बोर्दिया
udaipur. साक्षरता दिवस पर उदयपुर के स्वैच्छिक शैक्षिक जगत के सारथी लोकजुम्बिश व शिक्षा के अधिकार के सूत्रधार पद्मभूषण अनिल बोर्दिया को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम का आयोजन विद्या भवन, सेवामंदिर, डॉ मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट के साझे में किया जिसमें नगर के प्रमुख नागरिकों व स्वैच्छिक संगठनो ने बोर्दिया को याद किया। बोर्दिया की विद्याभवन में प्रारम्भिक अध्यवयन का स्मरण करते हुए विद्याभवन के अघ्यक्ष रियाज तहसीन ने कहा कि बोर्दिया ने देश के सर्वोच्च शिक्षा अधिकारी के रुप में शिक्षा के सार्वजनीकरण एवं स्वावलम्बन व मूल्य आधारित शिक्षा का सूत्रपात किया। तहसीन ने आगे कहा कि आमजन के शैक्षिक व विकास पर पकड़ के कारण उन्हें नेल्सन मण्डेला ने दक्षिणी अफ्रीका की शिक्षा नीति बनाने का दायित्व सौंपा। उदयपुर को इस बात का गर्व रहेगा कि देश ही नहीं वरन विदेशी शिक्षा नीति बनाने का दायित्व यहां के नागरिक ने किया। सेवा मंदिर के अध्यक्ष अजय मेहता नेकहा कि सबकी शिक्षा सबका विकास सिद्धांत में अनिल बोर्दिया का विश्वावस था। गांधीवादी चिंतक किशोर संत, शिक्षाविद् कैलाशबिहारी वाजपेयी एवं शिक्षक नेता भंवर सेठ, आदि ने भी विचार व्यक्ता किए।
ट्रस्ट अध्यक्ष विजय एस मेहता ने बोर्दिया के निधन को वैश्विक क्षति बताया। बोर्दिया के भ्राता प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ अरुण बोर्दिया ने उन्हें गरीबों व निरक्षरों का हितैषी व शुभचिंतक बताया। सेवा मंदिर की मुख्य संचालक प्रियंका सिंह ने कहा कि बोर्दिया परस्पर विपरीत विचारोंको सहजता से स्वीकार करते हुए प्रभावी व सशक्त विकल्प प्रस्तुत करते थे। श्रभ्द्धांजलि सभा में अतिरिक्त मुख्य सचिव अदिति मेहता, अनिल मेहता, आस्था के भंवरसिंह चदाणा, अश्विनी पालीवाल सहित प्रमुख गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धांजलि दी। संयोजन सचिव नन्दकिशोर शर्मा ने किया।