सिटी पैलेस में चार दिवसीय होली पर्व
Udaipur. होली के मद्देनजर महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के तत्वावधान में आयोजित होली उत्सव के दूसरे दिन रविवार शाम माणक चौक में ग्वालियर की शास्वती मण्डल पॉल की होरी गीत एवं ठुमरी की भावभीनी प्रस्तुति पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
पॉल ने राग भूपाली विलंबित तीन ताल मध्य लय, अद्या ताल में रचना प्रस्तुत की। राग सोहानी तीन ताल में, होरी गीत राग काफी द्रुत तीन ताल में, मांड दादरा ताल में, होरी दादरा में, राग यमन कल्याण ताल कहरवा में तथा रसिया कहरवा में भजन एवं होरी गीत प्रस्तुत किए। जिनमें आज बिरज में होरी रे रसिया, ऐसे ना खेलो होरी तुम कान्हा, केसरिया बालम पधारो नी म्हारे देस, होरी आई हे रे श्याम तोरी याद आई ने खूब तालियां बटोरी। करीब 90 मिनट तक उन्होंने प्रस्तुति दी। इनके साथ तबले पर बनारस के पंडित आशीष सेनगुप्ता, हारमोनियम पर उज्जैन के डॉ. विवेक बंसोड़, तानपुरे पर उदयपुर की सम्पा सरकार तथा निधि जानवे ने संगत की।
शुरुआत में फाउण्डेशन की ट्रस्टी विजयराज कुमारी मेवाड़ ने दीप प्रज्वलित किया। फाउण्डेशन के अध्यक्ष अरविंद सिंह मेवाड़ एवं लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने भी शिरकत की। अरविंद सिंह मेवाड़ ने कलाकारों को सरोपाव भेंट कर सम्मानित किया। संचालन निधि शर्मा ने किया।
सूर्योदय के साथ खुशमहल में बही सुर सरिता : इससे पहले रविवार सुबह 5.30 बजे सिटी पैलेस के खुशमहल प्रांगण में पंडित रामकृष्ण बोस द्वारा संतूर वादन किया गया। इनके साथ हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत ममता शर्मा ने प्रस्तुत किया। सर्वप्रथम सूर्योदय से पूर्व की वेला में पंडित रामकृष्ण बोस ने राग ललित अलाप, जोड़, झाला विलंबित घात तीन ताल में, द्रुत घात और झाला एक ताल में प्रस्तुत की। उसके बाद राग बसंत मुखरी जय ताल में (13 बीट्स) तथा भैरवी धुन रूपक ताल में, अति द्रुत तीन ताल में पेश किया। इसके बाद ममता शर्मा ने राग बैरागी भैरव विलंबित एक ताल, मध्य लय तीन ताल में प्रस्तुत की। उसके बाद ठप्पा राग भैरवी अध्या तीन ताल में, होरी राग खंभावती में, दादरा ताल दादरा में, छैटी ताल दीपचंडी में भजनों की प्रस्तुति दी। वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र मिश्रा ने कलाकारों को सरोपाव भेंट कर सम्मानित किया।
आज ‘होरी धूम मची रे…’ : सोमवार को माणक चौक में शाम 6.30 बजे होली पर आधारित नृत्य नाटिका होरी धूम मची रे… जयकिशन महाराज एवं उनके साथियों द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। इन कार्यक्रमों में प्रवेश निमंत्रण पत्र के माध्यम से ही संभव होगा।