उदयपुर। शहर का डवलपमेंट कैसा हो। क्या क्या होना चाहिए और क्या क्या नहीं होना चाहिए। केपेसिटी बिल्डिंग फॉर अरबन डवलपमेन्ट प्रोग्राम के तहत इसी को लेकर शहर के प्रबुद्ध नागरिकों से जानकारी ली गई। यह कार्यक्रम नगरीय विकास विभाग, भारत सरकार व वर्ल्ड बैंक के साझे से होगा। इसके लिए मुम्बई की क्रिसिल रिस्क एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर सोल्यूशन लि. को कन्सलटेन्ट एजेन्सी नियुक्त किया है।
एजेन्सी के एडवाईजर डॉ. रविकान्त जोशी, एसोसिएट डायरेक्टर मेहाली पटेल व कन्सलटेन्ट रुचि रानी पाटिल ने नागरिकों से करीब 3 घण्टे तक व्यापक विचार-विमर्श किया और उन्हें सिटी डवलपमेन्ट प्लान के प्राथमिक प्रारूप से अवगत कराया जिसमें शहर की वर्तमान स्थिति, विकास की संभावनाए, समस्याएं, विषेषताएं आदि शामिल हैं। एजेन्सी ने नागरिकों से पेयजल की आपूर्ति, मल-जल निकास, सफाई व्यवस्था, स्टोर्मवाटर ड्रेनेज, ठोस अपषिष्ट प्रबन्धन, यातायात एवं परिवहन, मलीन बस्तियों, शहरी वातावरण, पर्यावरण, सामाजिक आधारभूत ढांचा, नगरीय प्रशासन, स्थानीय अर्थव्यवस्था के स्त्रोत और विकास आदि पर विस्तार से विचार विमर्श किया।
क्रिसिल रिस्क एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर सोल्यूशन लि. के एडवाइजर (शहरी विकास) डॉ. रविकान्त जोशी ने बताया कि एजेन्सी को भारत के जिन तीस शहरों में विकास की संभावनाए तलाशने का काम सौंपा गया है उनमें उदयपुर भी शामिल है। कार्यशाला में आए प्रारूप को लेकर जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों, पर्यावरणविदों, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों आदि से वापस चर्चा की जाएगी और अंतिम दस्तावेज तैयार कर भारत सरकार को सौंपा जाएगा ताकि वह दस्तावेज में शामिल तथ्यों के परिपेक्ष्य में योजनाओं का निर्धारण कर सके। बैठक में नगर निगम आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ, महावीर खराड़ी, नगर विकास प्रन्यास सचिव रामनिवास मेहता, उपनगर नियोजक राजेश वर्मा सहित शहर के अलग अलग संगठनों से संबद्ध गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहे।