जानवरों के ह्दय प्रत्यारोपण से भी बचती है मनुष्य की जानें
उदयपुर। महाराणा भूपाल सार्वजनिक चिकित्सालय में संचालित हिन्दुस्तान जिंक वेदान्ता कार्डियोलोजी हॉस्पीटल के ह्दय शल्य चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ.विनय नैथानी ने कहा कि वैज्ञानिक खोज की क्रान्ति ने ह्दय की शल्य चिकित्सा में भी एक क्रान्ति ला दी है। इसमें ह्दय प्रत्यरोपण के साथ-साथ अब कृत्रिम ह्दय लगाकर मनुष्य की जानें बचायी जानें लगी है। कृत्रिम ह्दय लगाये जाने पर उसका संचालन बैटरी से किया जाता है।
वे गुरूवार को रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कार्डियक सर्जरी’ विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अब भारत में भी ह्दय प्रत्यारोपण किये जाने लगे है। इंसानों के शरीर में जानवरों में सूअर सहित कुछ अन्य जानवरों के ह्दय का प्रत्यारोपण कर मनुष्य का जीवन बचाया जाने लगा है। कार्डियोमायोप्लास्टी ऑपेरशन भी एक तरीका है जिससे मनुष्य के क्षतिग्रसत ह्दय का रिपेयर कर मनुष्य के जीवन को बचाया जाता है।
डॉ. नैथानी ने कहा कि उदयपुर संभाग में रूमेटिक हार्ट डिजिज के रोगी बहुतायत संख्या में पाये जाते है। यह बीमारी सर्दी, झुकाम, बेक्टिरिया के इंफेक्षन से होती है। इस बीमारी का प्रभाव ह्दय को नुकसान पंहुचाता है। यदि हम मधुमेह को नियंत्रित कर लेते है तो इस्केमिक हार्ट डिजिज को रोक सकते है। इस बीमारी में ह्दय को ब्लड सप्लाई कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति द्वारा बोला जाने वाला झूठ तथा उसकी नकारात्मक सोच से ह्दय को काफी नुकसान पंहुचता है क्योंकि इससे ह्दय की गति सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ जाती है।
उन्होंने बताया कि भारत में 1980 के दशक के बाद ह्दय की शल्य चिकित्सा में के परिणामों में सफलता मिलने लगी थी। उदयपुर में पहली ओपन हार्ट सर्जरी 2003 में की गई थी। विश्व में 1919 में पहली हार्ट सर्जरी हुई, लेकिन उसकी सफलता की संभावना बहुत कम हुआ करती थी। 1954 में पहली ओपन हार्ट सर्जरी हुई। भारत में 1995 में पहली बटिस्टा ऑपेरशन एस्कोर्ट्स हॉस्पीटल में किया गया।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष डॉ. बी.एल.सिरोया ने नैथानी का परिचय देते हुए कहा कि ह्दय की सर्जरी में आये बदलाव ने ह्दय सर्जरी को एक नई दिशा प्रदान की है।
ऑपेरशन टेबल लाईट की आवश्यकता- इस अवसर पर डॉ. नैथानी ने कार्डियोलोजी हॉस्पीटल में ऑपरेशन टेबल लाईट की आवश्यकता जताई ताकि ऑपरेशन के दौरान रोगी की जान को बचाया जा सकें।
नये जीवन रक्षक उपकरणों से सुसज्जित होगा रोटरी आईसीयू सेन्टर-क्लब अध्यक्ष डॉ. सिरोया ने कहा कि महाराणा भूपाल सार्वजनिक चिकित्सालय की इमरजेन्सी इकाई में पिछले कुछ समय से बंद पड़े रोटरी आईसीयू को क्लब पुन: शुरू करेगा जिसमें० चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. तरूण गुप्ता से बात कर जीवन रक्षक उपकरणों से सुसज्जित करेगा ताकि रोगी की जान बाचायी जा सकें ।
इस अवसर पर डॉ. सिरोया, सचिव डॉ. एन.के.धंीग, डॉ. के.बी.शर्मा तथा लक्ष्मणसिंह कर्णावट ने डॉ. नैथानी का उपरना ओढ़ाकर स्वागत किया तथा शंाता सिरोया व श्रीमती राजेन्द्र चौहान ने स्मृतिचिन्ह प्रदान किया। प्रारम्भ में श्रीमती कर्नल बी.एल.जैन ने ईश वंदना प्रस्तुत की जबकि अंत में सचिव डॉ. एन.के.धींग ने धन्यवाद ज्ञापित किया।