संभाग भर के बार एसोसिएशन ने दिया समर्थन
उदयपुर। उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थापना को लेकर उदयपुर संभाग मुख्यालय पर चल रहे हाईकोर्ट बैंच आन्दोलन अब और तेज होगा। इस आन्दोलन की गुंज अब जयपुर में प्रतिमाह 7 तारीख को तथा समय समय पर विधानसभा-व शासन सचिवालय में सुनाई देगी। आन्दोलन के स्वरूप में भी बदलाव किया जायेगा और महिलाओं की भी सहभागिता तय की जायेगी।
मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति की ओर से शनिवार को बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुन्दरी में आयोजित अधिवक्ताओं के संभाग स्तरीय सम्मेलन में ये निर्णय किए गए। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शान्तिलाल चपलोत की अध्यक्षता में हुए सम्मेलन में आन्दोलन को लेकर सरकार का ध्यानाकर्षण कराने के लिये अपनी नई रणनीति तैयार की गई।
उदयपुर बार अध्यक्ष प्रवीण खंडेंलवाल व महासचिव कैलाश भारद्वाज के नेतृत्व में बस में सवार 50 से अधिक अधिवक्ता त्रिपुरा सुन्दरी पहुंचे।
बार कौसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य सुरेश श्रीमाली ने सरकार से इस मांग पर झुकाने के लिये आन्दोलन को स्वरूप बदलने का तथा आन्दोलन में तेजी लाने पर बल दिया। नाथद्वारा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश श्रीमाली ने हडताल को सहयोग देकर आन्दोलन के स्वरूप को बदलने की आवश्यकता बताई। मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के संयोजक रमेश नन्दवाना ने इस सम्भागीय आन्दोलन के एजेन्डे को रखा और कहा कि आन्दोलन अपने सफलता की ओर से है। आन्दोलन को लेकर इसके नये स्वरूप को भी बदला जायेगा।
महासचिव शान्तिलाल पामेचा ने मेवाड़-वागड़ हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति के अब तक किये गये प्रयासों पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और आन्दोलन पर सरकार के मौन पर सवाल उठाये। सलूम्बर बार अध्यक्ष परमानन्द मेहता, बांसवाड़ा के अधिवक्ता शाहनवाज खान ने भी विचार व्यमक्तअ किए। बांसवाड़ा बार अध्यक्ष मनोज सिंह, चितौडगढ़ के अधिवक्ता कन्हैयालाल श्रीमाली, बार एसोसिएशन, प्रतापगढ़ अध्यक्ष अजय बिचैलिया, डूंगरपुर के डीएन पण्ड्या, राजसमन्द बार के यशवन्त शर्मा, अधिवक्ता नरपत सिंह चुण्डावत, अरूण व्यास, उपाध्यक्ष हरीश आमेटा, हेमेन्द्र सिंह राव, जितेन्द्र सिंह लिखारी, हरिसिंह भाटी समेत उदयपुर संभाग के छह ही जिलों एवं उपखण्ड एवं तहसील स्तर के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, महासचिव, सहित सैकडों अधिवक्ताओं ने भाग लिया।