राजस्थान विद्यापीठ का चौथा दीक्षांत समारोह , 55 में से 29 उपाधियां बेटियों के नाम
Udaipur. जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के चौथे दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने आए विदेशी विद्यार्थियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब तीन वर्षों का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद उन्हें विभिन्न उपाधियों से नवाजा गया।
समारोह में बेटियों का बोलबाला रहा। 55 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। पहली बार 12 विदेशी छात्र-छात्राओं को भी दीक्षांत समारोह में उपाधियां प्रदान की गई। प्रतापनगर स्थित मुख्य प्रशासनिक भवन के कम्यूक्ष टर सभागार में बुधवार सवेरे 11 बजे दीक्षांत समारोह आरम्भ हुआ। उपाधियों का वितरण कुलाधिपति प्रो. भवानी शंकर गर्ग, हेमचंद्राचार्य नॉर्थ गुजरात विवि पाटन की कुलपति प्रो. हेमिक्साबेन राव ने किया। मुख्य अतिथि हेमचंद्राचार्य नॉर्थ गुजरात विवि पाटन की कुलपति प्रो. हेमिक्साबेन ने कहा कि छात्रों ने जो सफलता अर्जित की है। उसे सीमित ना होने दें इस ज्ञान की गंगा और अधिक विस्तार करें तथा पाठ्यक्रम में अर्जित ज्ञान से आर्थिक स्वावलंबन की और बढ़ें और समाज और राष्ट्र की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दें।
अध्यक्षता करते हुए विद्यापीठ के चांसलर प्रो. भवानी शंकर गर्ग ने कहा कि विद्यापीठ की स्थापना वंचितों के लाभार्थ एवं राष्ट्रभाषा के विस्तार के लिए की गई थी। उसी समय से विद्यापीठ ग्रामीण उत्थान, महिला स्वस्लंबन, नैतिकता के उत्थान के लिए गांव-गांव आयोजन कर रहा है। अब इन योजनाओं को उच्च शिक्षा का अनिवार्य अंग बना दिया गया है जो विद्यापीठ का मुख्य ध्येय है।
वाईस चांसलर प्रो. एस एस सारंगदेवोत ने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे उच्च शिक्षा के साथ शोध कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें। विद्यापीठ भारत की उस आधी दुनिया के उत्थान के लिये निरंतर प्रयत्नशील है जिसको भारतीय संस्कृति में देवी का स्थान दिया गया है, क्योंकि उनके उत्थान के बिना सामाजिक उत्थान संभव नहीं है। शुरुआत मे एनसीसी केडेट्स द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर की परम्परा के बाद कतारबद्ध सीओडी के सदस्य दीक्षांत समारोह की वेशभूषा में परिसर में आए इस दौरान माहौल अनुशासनपूर्ण रहा। कुलपति प्रो. सारंगदेवोत, कुलाधिपति प्रो. बीएस गर्ग ने दीक्षांत समारोह के प्रारम्भ करने की आज्ञा मांगी। समारोह में डॉ. लक्ष्मीनारायण नंदवाना, डॉ. ललित पांडे, प्रो. एनएस राव, डॉ. मनोहरसिंह राणावत, प्रो. बीएल फडिय़ा, प्रो. वीपी शर्मा, डॉ. सीपी अग्रवाल, डॉ. गिरिशनाथ माथुर, डॉ. शशि चित्तौड़ा, डॉ. सुमन पामेचा सहित शहर के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।