कष्टभंजन हनुमान और नर्बदेष्वर महादेव की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव
20 मई तक धार्मिक अनुष्ठान में देशभर से पहुंचेंगे साधु संत
Udaipur. शक्ति और भक्ति की मेवाड़ धरा पर मादड़ी स्थित काली कल्याण धाम में 17 से 20 मई तक चार दिवसीय नवकुण्डीय शिवशक्ति महारूद्र महायाग और (नर्बदेश्वर महादेव) शिव परिवार के साथ कष्टभंजन हनुमानजी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन होगा।
अनुष्ठान की तैयारियां पूरी कर ली गई है। नवकुण्डीय यज्ञशाला तैयार की जा चुकी है। काली कल्याण धाम मादड़ी के मंहत भीमसिंह चौहान ने बताया कि उदयपुर में होने वाले इस बड़े धार्मिक महोत्सव में मेवाड़ वागड़, गुजरात समेत देशभर से करीब 8-10 हजार भक्तजनों के आने की संभावनाएं है।
चौहान ने बताया कि इस चार दिवसीय धार्मिक महोत्सव का शुभारंभ 17 मई वैशाख शुक्ला सप्तमी को यज्ञाचार्य भगवती प्रसाद जेठाणा के सानिध्य में 51 पंडित कुटीर कर्म,के साथ करेंगे। 18 मई को शिव शक्ति योग प्रारंभ होगा। 19 मई को मादड़ी धाम से दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी जिसमें सैकड़ो महिलाएं भाग लेगी वहीं रात्रि को भजन संध्या का आयोजन होगा। भजन संध्या में गुजरात के भजन गायक दीपकभाई बारोट एवं ग्रुप की ओर से भजनों की स्वर लहरियां बिखेरी जाएगी। यह भजन संध्या गुजराती डायरा कहलाता है जिसका उदयपुर के भक्तजन पहली बार आनंद ले सकेंगे।
महंत भीमसिंह चौहान ने बताया कि 20 मई वैशाख शुक्ल दशमी को दोपहर 12 बजे से धर्मसभा होगी। धर्मसभा में अहमदाबाद साबरमती हनुमान टेकरी आश्रम मोटेरा के मंहत प्रेमदास महाराज मुख्य अतिथि होगे। इनके अलावा धर्मसभा में अतिथि के रूप में इलाहबाद निरंजनी अखाड़ा के मंहत नरेन्द्रगिरी, खाकी मानस मंदिर ट्रस्ट इंदौर के मंहत मंगलदास महाराज, शारणेश्वर मंदिर डूंगरपुर के मंहत फतहगिरी महाराज, जूनागढ़ के कल्याणपुरी महाराज एवं हारिज गुजरात के महंत धनश्यामभाई प्रजापति, सूरजपोल स्थित हनुमान मंदिर के महंत सुरेश गिरी, गीतानंद महाराज शोभागपुरा मठ समेत कई साधु संत भाग लेंगे। इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने के लिए 12 समितियों का गठन किया गया है। महंत ने बताया कि चार दिवसीय महायाग और प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर काली कल्याण धाम मादड़ी आश्रम में सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मंदिर को आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है। उदयपुर से बाहर से आने वाले भक्तो और साधु संतों के लिए ठहरने की उचित व्यवस्था की गई।