Udaipur. राजस्थान कृषि महाविद्यालय के कृषि के अन्तिम वर्ष के कुल 102 छात्र-छात्राओं को एक सप्ताह तक ओरियंटेशन के पश्चात राज्य के 7 जिलो में कृषि कार्यानुभव प्राप्त करने के लिए विदा किया गया। इन विद्यार्थियों को लेकर विश्वविद्यालय की तीन बसें अपने-अपने गन्तव्य को रवाना हुई। इन बसों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर आई. जी. माथुर तथा विशिष्ट अतिथि सीटीएई के अधिष्ठाता प्रो. बी. पी. नंदवाना थे। अध्यक्षता प्रो. एस. आर. मालू ने की। अतिथियों ने आह्वान किया कि वे गांवों में जाकर किसान परिवारों की समस्याओं को समझें और कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की मदद से उनके संभावित समाधान तलाशने की कोशिश करें।
प्रसार शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. पंजाबी ने कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय माननीय ओ. पी. गिल. के सन्देश को सभा मे पढ़कर सुनाया। प्रसार शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एन. के. पंजाबी ने बताया कि ये विद्यार्थी कृषि विज्ञान केन्द्रों पर रह कर किसान परिवारों के साथ 6 सप्ताह तक कार्यानुभव प्राप्त करेंगे। बाद में इन्हें 3 माह की अवधि के लिए एग्रो आधारित इन्डस्ट्रीज पर भेजा जायेगा, जिससे की ये दक्षता और कार्यकुशलता प्राप्त कर सकें। विशिष्ट अतिथि प्रो. नन्दवाना ने कार्यक्रम कि महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस शुभ अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। अध्यक्षता करते हुए प्रो. मालू ने अतिथियों का स्वागत और आभार व्यक्त किया।