Udaipur. पर्यूषण के पांचवे दिन अणुव्रत दिवस पर शासन श्री मुनि रविन्द्र कुमार ने सैकडों श्रावकों को सामूहिक रूप से अणुव्रत का संकल्प कराया। अणुव्रत की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि अणुव्रत अभीष्ट है। अणुव्रत की शरण में आकर लोग राहत का अनुभव करते हैं।
नाइयों की तलाई स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि अणुव्रत एक आचार संहिता का नाम हैं जिसके तहत कोई भी व्यक्ति अणुव्रती बन सकता हैं। किसी भी रूप में भगवान को मानने वाला अणुव्रत को स्वीकार कर अणुव्रती बनने का गौरव प्राप्त कर सकता है। तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि छोटे-छोटे व्रतों के द्वारा कैसे जीवन में बदलाव लाया जा सकता है, यह अणुव्रत से सीखने को मिलता हैं। अणुव्रत हमें प्रेरणा देता हैं कि बाहृय आडम्बर न करके भीतर सोई हुई शक्तियों को जगाएं। उन्होंने कहा कि मूल बात यह है कि अणुव्रत से हम भोग से त्याग, त्याग से वैराग, वैराग से अनासक्त एवं अनासक्त से मोक्ष की तरफ बढ़ें। प्रारंभ में मुनि दिनकर एवं मुनि शांतिप्रिय ने अणुव्रत गीत का संगान किया। संचालन मंत्री अर्जुनलाल खोखावत ने किया।
सभाध्यक्ष राजकुमार द्वारा फत्तावत ने बताया कि शनिवार को जप दिवस पर मुनिवृंदों के व्याख्यान होंगे तथा शाम को ज्ञानशाला की प्रस्तुति विषयक प्रतियोगिता होगी। इसका संयोजक संगीता पोरवाल एवं सरोज सोनी को बनाया गया है।
समूह गीत प्रतियोगिता : तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष धीरेन्द्र मेहता ने बताया कि शाम को हुई समूह गीत प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में शीला धाकड़ ग्रुप प्रथम, सोनल सिंघवी ग्रुप द्वितीय एवं शशि चव्हान गु्रप तृतीय रहे। इसी प्रकार कनिष्ठ वर्ग में प्रेक्षा बोहरा गु्रप प्रथम, व्योम चपलोत गु्रप द्वितीय व रिंकल चपलोत गु्रप तृतीय रहे। प्रतियोगिता का संयोजन रवि बोहरा व मयंक कोठारी ने किया।