Udaipur. अब मत्स्य पालन योजनाओं के तहत मछलियों को पिंजरे में रखा जाएगा। इसकी कवायद बांसवाड़ा के माही जलाशय में की जा रही है। सफलता मिली तो इस तकनीक को आगे बढ़ाया जाएगा।
यह जानकारी मत्स्य विभाग के उपनिदेशक राधा मोहन श्रीवास्तव ने महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मात्स्यकी महाविद्यालय में हुई कृषक संगोष्ठी में दी। संगोष्ठी का विषय राजस्थान में मछली पालन के बदलते आयाम था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अनेक मत्स्य पालन योजनाएं संचालित की जा रही हैं जिनका लाभ मत्स्य कृषक उठा सकते हैं। संगोष्ठी के समन्वयक प्रो. सुबोध शर्मा ने बताया कि विशिष्ट अतिथि प्रो. एल. एल. शर्मा, पूर्व अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष जलकृषि विभाग ने मछली पालन के विविध आयामों पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता मात्स्यकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. विमल शर्मा ने की। प्रो. सुबोध शर्मा ने बहुरंगी मछली पालन एवं प्रो. बी. के. शर्मा ने समन्वित मछली पालन की जानकारी कृषकों को दी। संगोष्ठी में जयसमन्द के गामड़ी एवं नठारा ग्राम के अट्ठाइस मत्स्य कृषकों सहित महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने भाग लिया।